LOVE STORY








///////////////////////////////////////////////////////////////////////


सच्ची हिन्दी लव स्टोरी – 



/////////////////////////////////////////////////////////////////////


  • एक मिडिल क्लास लड़की के ख्वाबों का राजकुमार सफेद घोड़े में चढ़कर नहीं आता है, वो तो बस यूँ हीं गलियों में मिल जाता है. मैं एक अनाथ लड़की थी, अनाथालय में पली-बढ़ी थी. 10 वीं के बाद से हीं पढ़ाई के साथ-साथ पार्ट टाइम नौकरी भी करने लगी. पढ़ाई में मैं औसत थी. तन्हाई और दर्द तो जैसे कभी न जाने के लिए हीं मेरे जीवन में आए थे. वैसे तो कई क्लासमेट थे मेरे, पर शायद मेरे दर्द को मुझसे अच्छा कोई भी महसूस नहीं कर सकता था. जिस लड़की की न माँ हो, न बाप हो, न कोई बहन और न कोई भाई उसके लिए जिंदगी एक सजा से कम नहीं होती है. न तो रोने के लिए कोई कंधा, न परेशानी हल करने लिए किसी का साथ…. उलझकर रह गई थी मैं अपनी बेकार सी जिंदगी में. न तो मुझे किसी से प्यार था, और न मुझे किसी का इंतजार था. लेकिन वक्त को कुछ और हीं मंजूर था.मैं 18 साल की हो चुकी थी. आगे की पढ़ाई करने मुझे दूसरे शहर में जाना पड़ा और साथ हीं मैं पार्ट टाइम जॉब भी करने लगी. सप्ताह के छः दिन क्लासेस और ऑफिस में बीत जाते थे, और Sunday थोड़ा आराम करके खत्म हो जाता था. खुद के लिए तो समय हीं नहीं मिलता था मुझे. कुछ पैसे सेविंग्स में चले जाते थे और बाकि के पैसे जरूरत के सामान खरीदने और कमरे का किराया देने में खत्म हो जाते थे. तभी एक दिन में जिंदगी ने एक नई मोड़ ली. मेरे घर के बगल में रहने एक नया पड़ोसी आया. वैसे तो मैंने पहले उसे नोटिस नहीं किया. लेकिन धीरे-धीरे मैं उसे नोटिस करने लगी. मेरे घर से बाहर जाते वक्त और वापस घर आते समय वो अक्सर छत पर टहलता हुआ मिल जाता था.

  • उस दिन हमने एक-दूसरे से पहली बार बात की. धीरे-धीरे बातों का सिलसिला शुरू हो गया. उसने बड़ी हीं चालाकी से मुझसे मेरा फ़ोन नम्बर माँगा, और फिर मुझसे फोन पर बात करने की परमिशन मांगी. अब हम दोनों अक्सर रात-रात भर बातें करने लगे. वो पढ़ाई में भी मेरी मदद करने लगा. जब मैंने पहली बार उसे I Love You कहा, तो उसका चेहरा देखने लायक था. शायद वह नर्वस भी था और खुश भी. उसने मुझे महंगे-महंगे गिफ्ट लाकर दिए. हमने प्यार में साथ-साथ जीने-मरने की कसमें खाई. मैं बहुत खुश थी कि मेरी तन्हाई को दूर करने वाला और मेरा ख्याल रखने वाला कोई मुझे मिल गया था. मैं सपनों की दुनिया में रहने लगी और अपने आने वाले सुनहरे कल के सपने बुनने लगी.वक्त बीतने लगा, देखते-देखते 3 महीने गुजर गए, अब उसने बाइक ले ली. हम दोनों बाइक पर घूमने जाने लगे. पर कहते हैं न कि प्यार अंधा होता है, उसके प्यार में मैं अंधी हो गई थी. मैंने उसे पहली बार किस किया. मैं बहुत खुश हुई. एक दिन वो मुझे बाइक में बैठाकर शहर से दूर ले गया. वो मुझे जबरदस्ती एक होटल में ले गया.
  • और फिर उस दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरा प्यार पर से भरोसा खत्म कर दिया. और यह भी बता दिया, कि एक माँ अपनी बेटी को इस दुनिया में जीने के लिए जो बातें सिखाती है….. वो बातें कितनी जरूरी होती है. उस मुझे माँ-बाप की कमी बहुत महसूस हुई. उस बेवफा लड़के ने मेरा बलात्कार किया, और फिर मुझे अपने दोस्तों के सामने परोस दिया. कुछ घंटों ने मेरा जीवन बर्बाद कर दिया. उन सबने अपने हवस की प्यास बुझाई और मैं बेबस बनकर सब कुछ सहती रही.मेरा सब कुछ लूट चुका था, और अब मुझे जीने की कोई इच्छा नहीं रही थी. वो मुझे बाइक में बैठाकर वापस घर की ओर बढ़ चला. मुझे समझ में ये नहीं आ रहा था कि अब मैं क्या करूं. जब बाइक पुल के ऊपर से गुजर रही थी, तभी मुझे ख्याल आया कि क्यों न मैं नदी में कूद जाउँ. नदी वैसे भी पानी से लबालब भरी हुई थी, शायद मौत मुझे बुला रही थी…. और मैं भी मौत के आगोश में समाने को बेताब थी. मैंने उसे बाइक थोड़ा धीरे चलाने को कहा, और बाइक के धीमे होते हीं नदी में कूद गई. कुछ मिनटों के संघर्ष के बाद मुझे इस जिंदगी से छुटकारा मिल हीं गया.
  • शायद मुझे अंधा प्रेम नहीं करना चाहिए था, और मुझमें इतनी ताकत होनी चाहिए थी कि मैं उन दरिंदों से खुद की इज्जत बचा पाती. काश मेरी भी कोई माँ होती, जो जिंदगी के कदम-कदम पर मेरा साथ देती. शायद परिवार का साथ मिलता तो मैं कोई गलत कदम नहीं उठाती. किसी का सच्चा साथ मुझे मिलता, तो मैं भी आज जिंदा होती. या फिर गलती इस समाज की है, जिसने स्त्री को इतना कमजोर बना दिया है कि वो किसी से अपनी रक्षा भी नहीं कर सकती है.Moral message of the story : प्यार कीजिए, लेकिन प्यार असली है या नकली यह पहचानने की भी क्षमता रखिए. किसी को भी अपना तन-मन सौंपने से पहले अच्छी तरह सोच लीजिए.
    यह मौलिक कहानी आपको कैसी लगी, यह हमें जरुर बताएँ. आपके सलाहों और सुझावों का हमें इंतजार रहेगा.


////////////////////////////////////////////////////////////////////////

एक मौका तो दिया होता बिना कहे चली गयी

////////////////////////////////////////////////////////////////////////

हेल्लो दोस्त ! आपका इस वेबसाइट पर आने के लिए शुक्रिया  __/\__ उम्मीद है आपको ये कहानी पसंद आएगी,  अगर sad love story पढ़ना चाहते हो तो ये story पढ़ सकते है आप => Heart Touching Hindi Love Story: 




अक्टूबर 2010

मैं अपन दोस्त रमेश के साथ उसके घर दुर्गा पूजा देखने गया| जैसा की आप सब जानते हैं बंगाल
का दुर्गा पूजा विश्व प्रसिद है| रमेश का गांव कोलकता से लगभग 120 की मी दुरी पर था | धान से
लधे खेत,हर दस कदम की दुरी पर तालाब,गेंदा फूलों की खेती मन को मोह रही थी| दिन भर खेतों का
सैर करने के बाद शाम को हमलोग पूजा घूमने गए उसके बाद दोस्त का ननिहाल गया जो उसके गांव
से महज 3 किमी की दुरी पर था| वहां मेरे दोस्त की मामी मुझसे नाम पूछी तो मैं अपना नाम बताया
उसके बाद वो कुछ नही पूछी कारण यह था की मुझे बंगला बोलना ठीक से आता नही था और उनको
हिंदी| मामी के बेटियां जो स्कूल में पढ़ने के कारण हिंदी जानती थी वो मुझसे बात करने लगी, 4-5
दिन वहाँ रहने के बाद मैं वापस आ गया|

वक़्त को बीतते देर नही लगती|

मार्च 2013 में होली के समय एक बार फिर मैं रमेश के गाँव गया| वहाँ की कच्ची सड़के अब पक्की
हो गयी थी बच्चे भी भी अब धीरे धीरे बड़े होने लगे| रमेश के घर होली खेलने के बाद मैं और रमेश
ननिहाल गया| वहाँ हमलोग खूब मस्ती किया| अब मैं सबसे खुल गया था और टुटा फूटा बंगला भी
बोलने लगा था| मामा के बेटे-बेटियाँ बड़े चाव से मेरा बोली सुनते थे| मेरा बंगला सुनकर उनलोगो को
मुख से हँसी फुट जाती क्योंकि मैं ऐसा टुटा फूटा बोलता था|

होली के बाद मैं कोलकाता वापस आ गया| अब मैं रमेश के घर के हर त्यौहारो में उसके घर जाने
लगा| और बच्चों का पसंदीदा बन गया था मैं|

धीरे धीरे समय बीतता गया...

जून 2015 रमेश के भाई का शादी था मेरा बुलाबा आया मैं उसके घर पहुँचा|

बच्चे मुझे देखकर फुला नही समा रहे थे मैं भी खुश हुआ| सबसे बात करने लगा मामा की एक बेटी
सपना जो महज़ 13-14 साल की होगी वो मुझसे खूब बात करने लगी| शादी का प्रोग्राम ख़त्म होने के
बाद मैं वापस आ गया |

करीब एक महीने का बाद मेरे मोबाइल पर एक नया नंबर से कॉल आया मैं फोन उठाया और बोला

कौन?

सपना बोल रही हूँ मैं-दूसरी तरफ से आवाज आयी|

मैं झट से पहचान गया सपना रमेश के मामा की बेटी है|

उसके बाद बहुत देर तक बात हुआ|

उसके बाद ये रोज का कार्यक्रम हो गया वो मुझे रोज फोन करने लगी मेरी पसंद, नापसंद इत्यादि के

बारे में पूछती|

कुछ दिन के बाद वो फेसबुक के जुड़ी और मेरा सारा फ़ोटो वहाँ से डाउनलोड करके अपने मोबाइल में रख ली|
वक़्त बीतता गया मेरा उससे बात होता रहा मैं सोचता था बच्ची है उसको मुझसे बात करने में अच्छा
लगता है इसलिए रोज फोन करती है|

जबकि दूसरी ओर दिल में प्यार जगने लगा था| मुझमे उसको सबकुछ नजर आने लगा था | और मैं
इस बात से बिलकुल अंजान था|
एक दिन वो मुझे बोली आपका फ़ोटो मैं मम्मी को दिखाया और मम्मी बोली मुझे ये लड़का बहुत
पसंद है|

मैं अवाक रह गया फिर मैं सोचा मज़ाक कर रही है| वक़्त बीतता गया....

उसके दिल में प्यार हिलोर मार रहा था और वो गुमनाम सी हो गयी थी बात तो करती थी लेकिन
प्यार का इजहार नही करती|

फरबरी 2016


मेरी शादी तय हो गयी थी| बस तारीख तय होना बाकी था| एक दिन मैं सपना से बात करते-करते
बोल दिया मेरी शादी होने वाली है|
आप मज़ाक कर रहे हैं-सपना बोली
मैं बोला सच में मेरी शादी होने वाली है|
मेरी कसम खाइये-सपना बोली
तुम्हारी कसम
इतना कहते ही वो फोन रख दी|
करीब एक घंटा के बाद फिर फोन आया वो रो रही थी|
मैं पूछा क्या हुआ??
वो बोली सब कुछ ख़त्म हो गया जिंदगी में फस्ट टाइम किसी से प्यार किया वो भी पूरा नही हो सका
पता है, मुझे उस लड़के में सब कुछ दिखने लगा था यहाँ तक की मैं उसके पति भी मन चुकी थी| मैं
उसका फ़ोटो मम्मी को दिखाई और मम्मी को बोली मम्मी ये लड़का मुझे बहुत पसंद है शादी करुँगी
तो इसी लड़के से| मम्मी भी बोली ठीक है बड़ी हो जा उसके बाद उसी के करवा देंगे शादी| लेकिन अब
सब कुछ खत्म हो गया, कुछ नहीं बचा मेरे पास|
मैं बोला उस लड़के ने क्या बोला तुम उसका नंबर दो बात करता हूँ|
वो बोली कुछ नही हो सकता अब आप ठीक से रहना इतना कहकर वो फोन काट दी|
मेरे दिमाग में विचार आने लगा शायद वो मेरे बारे में तो नही बोल रही थी| अब मुझे सब कहानी
समझ में आने लगा अब मुझे पक्का यकीन हो गया की वो मेरे बारे में ही बोली थी मुझसे ही प्यार
की थी|

मैं हलात तो सम्भलने के लिए उसको फोन किया उसका मोबाइल बंद आ रहा था उस रात मैं कई बार
फोन करने का कोशिस करता रहा लेकिन नाकामयाब रहा|

अगला दिन दोपहर के करीब एक बजे रमेश का फ़ोन आया वो बोला यार सपना जो मेरे मामा की
बेटी थी ना वो नही रही|

मैं उछलकर बोला क्या...........?????

वो बोला आज स्कूल जाने के क्रम में उसका एक्सीडेंट हो गयी और वही पर उसकी मौत हो गयी|
मैं धम्म से बेड पर गिर पड़ा मेरे आँखों से आंसू निकल पड़े|
एक मैं था जो उसके प्यार को समझ नही सका और एक वो थी जो मेरे प्यार को अपने दिल में
समेटे,बिना इज़हार किये हमे छोड़कर चली गयी|
आज भी उसके बारे में सोचता हूँ तो मेरी रूह कांप जाती है|


 ये कहानी गुलशन कुमार जी ने भेजी है ये समस्तीपुर बिहार से हूँ और पिछले 4 सालों से कोलकाता में रहते है |ये  कवि,लेखक है !दोस्तों आपको ये कहानी कैसे लगी अपने ये कमेंट बॉक्स में बता सकते है और अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करे ! 




0 comments:

Post a Comment